आशापुरा मंदिर मे साथुं गायत्री आश्रम से पधारे विष्णु स्वरुप महाराज जी का हूआ स्वागत
नवरात्र के अंतिम दिन हूई आशापुरी माताजी मे सिद्धिदात्री पूजा
जगमालसिंह राजपुरोहित
मोदरान जन समय न्यूज।
रविवार को वांसतिक चैत्र नवरात्र का आठवां व आखिरी दिन होने पर गायत्री आश्रम सांथु से पधारे विष्णु स्वरुप ब्रहाचरी महाराज जी का मंदिर परिचर मे भव्य स्वागत किया गया ।ईस अवसर पर विष्णु स्वरुप महाराज जी ने आदिशक्ति देवी दुर्गा के नौवे रुप स्वरूप सिद्धिदात्री का पुजन, अर्चन और स्तवन किया
विष्णु स्वरुप महाराज जी ने बताया की पौराणीक कथाओ के अनुसार अणीमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ती,प्रकाम्य, ईशित्व और वाशित्व ये आठ सिद्धियां है । अपने उपासक को ये सभी सिद्धिया देने के कारण ही देवी दुर्गा के ईस स्वरूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है । माँ दुर्गा के सिद्धिदात्री रुप की उपासना करने से सभी मनोकामनाए व आशा पुरी होती है ।जौ भक्त नौ दिन व्रत रखते है, उनका व्रत नौ कन्याओं को नौ देवियो के रुप मे पुजने के बाद ही पुरा होता हैं । उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार भोग लगाकर दक्षिणा देने से ही माँ आशापुरा दुर्गा प्रसन्न हो जाती है उसके बाद व्रत खोलकर प्रसाद ग्रहण करना चाहीए शक्ति पुजन का अन्तिम दिन होने से ये दिन काफी विशेष होता हैं
ईस अवसर पर मंदिर परिचर मे ट्स्ट अध्यक्ष मोडसिंह सोढा, कौषाध्यक्ष छैलसिंह राठौड, माताजी पुजारी डुगर पुरी, प्रकाशपुरी, गौरखपुरी, भरतपुरी , अर्जुन दान, दशरथसिंह, कल्याण सिंह, भीमाशंकर दवे शुभम दवे सहीत सैकडो भक्तों की उपस्थिती मे माताजी की विशेष पुजा व महा आरती करवा कर दर्शन लाभ लिया।