मृत्युभोज पर पाबंदी, भेंट देने या लेने पर भी लगेगा दंड
जिले में शादियों में दहेज और नशामुक्त समाज की पहल के बाद अब लोग मृत्युभोज जैसी रूढ़ीवादी परंपरा को भी जड़ से खत्म करने की पहल कर रहे हैं। रविवार को ऐसा ही उदाहरण सामने अाया सुमेरपुर-शिवगंज के ब्रह्मक्षत्रिय खत्री समाज की बैठक में। इस बैठक में समाज बंधुओं ने सर्वसम्मति से मृत्युभोज पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस दौरान समाज की नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया। जानकारी के अनुसार रविवार काे सुमेरपुर के ब्रह्मक्षत्रिय खत्री समाज की बैठक बलदेव सिंह कॉलोनी में आयोजित की गई थी। बैठक में समाज के लोेगों ने समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने का संकल्प लेते हुए निर्णय लिया कि इस कुप्रथा को समाज से हटाया जाए और सभी ने निर्णय लेते हुए इस पर पाबंदी लगाई। इतना ही नहीं, ऐसा करने पर दंड का भी प्रावधान रखा गया।
इससे पूर्व समाज की ओर से होली स्नेह मिलन समारोह का भी आयोजन किया गया और नई कार्यकारिणी गठित की गई। इसमें खूबचंद खत्री को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके अलावा द्वारकाराम उपाध्यक्ष, हेमराज सचिव, अमिताभ खत्री सहसचिव, प्रकाश कोषाध्यक्ष और अर्जुन खत्री प्रचार मंत्री नियुक्त किए गए।
इससे पूर्व समाज की ओर से होली स्नेह मिलन समारोह का भी आयोजन किया गया और नई कार्यकारिणी गठित की गई। इसमें खूबचंद खत्री को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके अलावा द्वारकाराम उपाध्यक्ष, हेमराज सचिव, अमिताभ खत्री सहसचिव, प्रकाश कोषाध्यक्ष और अर्जुन खत्री प्रचार मंत्री नियुक्त किए गए।
अच्छी पहल
सुमेरपुर के बलदेव सिंह कॉलोनी में हुई बैठक में समाज के लोगों ने लिया निर्णय
जोधपुर, चौहटन व डीसा के बाद यहां के समाज की पहल
समाज के सह सचिव अमिताभ खत्री ने बताया कि अब तक जोधपुर, चौहटन व गुजराज के डीसा में रहने वाले समाज के लोगों ने पहल कर मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद इन लोगों से प्रेरित होते हुए सुमेरपुर-शिवगंज समाज के लोगों ने भी यह निर्णय लिया और अब इस कुरीति को मिटाने की पहल की है।
हर मृत्युभोज में 1.50 से 2 लाख का होता है खर्चा
हर मृत्युभोज में करीब 1.50 से 2 लाख का खर्चा आता है और कई बार ज्यादा भी हो जाता है। इसके अलावा मृत्युभोज पर भेंट लेने और देने की भी प्रथा है। अब समाज ने निर्णय लिया है कि मृत्युभोज के साथ न तो भेंट लेंगे और न देंगे। यदि सुमेरपुर-शिवगंज के समाज के लोग यदि कहीं बाहर भी जाते हैं और भेंट लेकर आते हैं तो उन्हें दंड स्वरूप राशि देनी होगी। - खूबचंद खत्री, अध्यक्ष ब्रह्मक्षत्रिय खत्री समाज, शिवगंज-सुमेरपुर
सुमेरपुर के बलदेव सिंह कॉलोनी में हुई बैठक में समाज के लोगों ने लिया निर्णय
जोधपुर, चौहटन व डीसा के बाद यहां के समाज की पहल
समाज के सह सचिव अमिताभ खत्री ने बताया कि अब तक जोधपुर, चौहटन व गुजराज के डीसा में रहने वाले समाज के लोगों ने पहल कर मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद इन लोगों से प्रेरित होते हुए सुमेरपुर-शिवगंज समाज के लोगों ने भी यह निर्णय लिया और अब इस कुरीति को मिटाने की पहल की है।
हर मृत्युभोज में 1.50 से 2 लाख का होता है खर्चा
हर मृत्युभोज में करीब 1.50 से 2 लाख का खर्चा आता है और कई बार ज्यादा भी हो जाता है। इसके अलावा मृत्युभोज पर भेंट लेने और देने की भी प्रथा है। अब समाज ने निर्णय लिया है कि मृत्युभोज के साथ न तो भेंट लेंगे और न देंगे। यदि सुमेरपुर-शिवगंज के समाज के लोग यदि कहीं बाहर भी जाते हैं और भेंट लेकर आते हैं तो उन्हें दंड स्वरूप राशि देनी होगी। - खूबचंद खत्री, अध्यक्ष ब्रह्मक्षत्रिय खत्री समाज, शिवगंज-सुमेरपुर